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शानदार बजट!

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छत्तीसगढ़ सरकार का बजट छत्तीसगढ़ को आगे ले जाने वाला साबित होगा, इसमें दो राय नहीं। हालांकि विपक्ष को तो यह बजट ख्याली पुलाव ही लगेगा, लेकिन यह यथार्थ में यह यथार्थवादी पुलाव है, जो छत्तीसगढ़ की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होगा। मोदी की गारंटी को ध्यान में रखकर बजट का जो स्वरूप गढ़ा गया है, उसे देखते हुए समझ में आ रहा है कि भाजपा की नई सरकार अपने लक्ष्य को लेकर के काफी गंभीर है। आने वाले समय में उसका सुपरिणाम नजर आएगा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नालंदा परिसर का निर्माण अपने आप में एक बड़ी घटना रही है। इस केंद्रीय पुस्तकालय में अनेक छात्र छात्राएँ अध्ययन करते हैं और अपना भविष्य बनाते हैं ।इस नालंदा परिसर को पूरे राज्य में फैलाने की योजना बजट में बनाई गई है। बाईस स्थानों में नालंदा परिसर बनेंगे। इससे ज्ञान का विस्तार होगा ।एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी हुआ है कि आदिभाषा परिषद गठित की जाएगी। इसके तहत आदिवासी जनजीवन में बोली जाने वाली बोलियों का संरक्षण होगा । आदिवासी साहित्य का अध्ययन होगा। छत्तीसगढ़ में सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बोली जाती , यहां हल्बी,गोंडी, भथरी, सरगुजिया, लारिया आदि बोलियां भी हैं,जिनमें भी साहित्य रचा गया है। कुछ वाचिक परंपरा में है, कुछ लिखित में भी हैं।जब आदि भाषा परिषद का गठन हो जाएगा तब लोक भाषाओं का भी संवर्धन होगा। वर्तमान मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से आते हैं इसलिए बजट में आदिवासियों के उत्थान की दिशा में भी पहल करने के अनेक निर्णय किए गए हैं। बस्तर और सरगुजा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपक्रम किए जाएंगे। एक अच्छा निर्णय यह भी है कि जैसे दिल्ली और आसपास के राज्यों को जोड़कर एनसीआर बनाया गया है न्यू कैपिटल रीजन, उसी तरह रायपुर, भिलाई सहित आसपास के क्षेत्र को मिला कर एससीआर बनाया जाएगा यानी स्टेट कैपिटल रीजन, जिससे पूरे इलाके के समुचित विकास को गति मिलेगी ।आने वाले समय में इन सब के बीच मेट्रो ट्रेन भी चलाई जाएगी। महतारी वंदन योजना तो महत्वपूर्ण है ही।असहाय किस्म की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की सम्मान निधि देने की घोषणा चुनाव के पहले की गई थी। सरकार बनते साथ ही उसे लागू करने का निर्णय स्वागतेय है। किसानों, मजदूरों, श्रमिकों और दिव्यांगों को दीनदयाल उपाध्याय कल्याण योजना के तहत भी कुछ राशि उपलब्ध कराई जाएगी। किसी भी कल्याणकारी राज्य को यही काम करना चाहिए। 22 जनवरी को रामलाल मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, उसे लेकर पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ के लोग भी उत्साहित रहे । प्रदेश सरकार ने यह व्यवस्था की है कि यहां रहने वाले लोगों को रामलला के दर्शन कराएंगे ।इसके लिए सरकार ने 35 करोड रुपए का प्रावधान किया । यह सरकार की सदाशता का परिणाम है । अनेक शहरों का कुछ न कुछ विकास होगा ।यह सरकार के बजट से साफ नजर आ रहा है ।यही समावेशी विकास है कि हम सिर्फ राजधानी के आसपास का विकास नहीं कर रहे हैं। हम सुदूर स्थित मनेंद्रगढ़ से लेकर जशपुर तक भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लेकिन यहां मैं एक महत्वपूर्ण बात की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि भले ही पिछली कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई थी, उन्होंने अनेक गड़बड़ घोटाले किए लेकिन उनकी गोबर और गोमूत्र खरीदी योजना काफी अच्छी थी । उसे भी जारी रखना चाहिए । गोठान की योजना भी अभिनव प्रयोग थी ।उसके माध्यम से गोबर गौमूत्र की खरीदी हो रही थी। यह और बात है कि फर्जी लोगों के कारण वह योजना गुडग़ोबर में तब्दील हो गई ।लेकिन थी महत्वपूर्ण। उस योजना को लगातार जारी रखना चाहिए ।उसकी लगातार मॉनेटरिंग होनी चाहिए। यह देखना चाहिए कि वह पवित्र योजना भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ जाए। इस योजना के माध्यम से गौ माता की सेवा हो रही थी और गाय तो भाजपा की और अपनी सनातन संस्कृति का हिस्सा ही है ।इसलिए उस योजना को बंद नहीं होना चाहिए ।उसको हम कितना बेहतर कर सकते हैं, इस दिशा में काम होना चाहिए। गौ सेवा आयोग को और मजबूत करने की जरूरत है। वहां सच्चे गौ सेवकों की नियुक्ति हो। कुल मिलाकर भाजपा का बजट गरीबों के लिए, युवाओं के लिए ,किसानों के लिए और स्त्रियों के लिए अर्थात समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में गढ़बो छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अब कुछ करबो छत्तीसगढ़ की सोच तरीके से काम करेगी । और मोदी की गारंटी और विष्णु का सुशासन मिलकर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाएंगे।